बूंद बूंद मिलके बने लहर – Boond Boond Milke Bane Laher
बूंद बूंद मिलके बने लहर – Boond Boond Milke Bane Laher
बूँद बूँद मिल के बने लहर और लहर
लहर-लहर मिल के बने सागर,
वो बने सागर,
वो बने सागर,
दूर पास तेरी दया मिलती निरंतर
भरते रहे अपने मन की गागर,
वो मन की गागर
वो मन की गागर
तूने हमें दिया जो भगवान से पाया
दिया हमें एक नए मन का उजाला
तूने ही हमें सिखलाई हमें प्यार की सेवा
जब भी कही गिरने लगे तूने संभाला
वो सर्वधर्म , समन्वयं, समन्वयं, समन्वयं
ओह हो.. ओह हो…
बूँद बूँद मिल के बने लहर और लहर
लहर-लहर मिल के बने सागर,
वो बने सागर,
वो बने सागर,
दूर पास तेरी दया मिलती निरंतर
भरते रहे अपने मन की गागर,
वो मन की गागर
वो मन की गागर
सबके लिए प्रेम का घर तुम ने बनाया
लाई तुम्हीं सब के लिए शान्ति भरा मन
खोल दिए सबके लिए द्वार दया के
चाहे कोई बड़ा हो या छोटा या निर्धन
वो सर्वधर्म , समन्वयं, समन्वयं, समन्वयं
ओह हो.. ओह हो…
बूँद बूँद मिल के बने लहर और लहर
लहर-लहर मिल के बने सागर,
वो बने सागर,
वो बने सागर,
दूर पास तेरी दया मिलती निरंतर
भरते रहे अपने मन की गागर,
वो मन की गागर
वो मन की गागर
धुप जहां हमको लगे छांव करे तू
तेरे कदम जहाँ पड़े, शीश झुकाये
प्यार मिले, न्याय मिले, नाम से तेरे
जो भी मिले उसको गले अपने लगाये
वो सर्वधर्म , समन्वयं, समन्वयं, समन्वयं
ओह हो.. ओह हो…
बूँद बूँद मिल के बने लहर और लहर
लहर-लहर मिल के बने सागर,
वो बने सागर,
वो बने सागर,
दूर पास तेरी दया मिलती निरंतर
भरते रहे अपने मन की गागर,
वो मन की गागर
वो मन की गागर
सर्वे जना सुखिनो भवन्तु
सर्वे जना सुखिनो भवन्तु
सर्वे जना सुखिनो भवन्तु